मार्च की शुरुआत हो गई है और यह मौजूदा वित्त वर्ष 2017-18 का आखिरी महीना है। नौकरी-पेशा लोग अपनी कमाई के हिसाब से अपने टैक्स का कैलकुलेशन करने में लगे हैं। कोई चार्टर्ड अकाउंटेंट से, तो कोई सलाहकार से अपने टैक्स को समझ रहा है। साथ ही वित्त वर्ष का आखिरी महीना होने के नाते कई सुविधाओं के लिए जरूरी डेडलाइन भी हैं। इन्हीं सुविधाओं और सेवाओं में से कई सेविंग स्कीम या पेंशन स्कीम ऐसी हैं, जिनमें एक फाइनेंशियल ईयर में एक न्यूनतम अमाउंट जमा कराना जरूरी है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो पेनल्टी देनी होगी। आइये आपको ऐसी तीन स्कीम के बारे में बताते हैं, जिससे जुड़ा काम यदि आपने नहीं पूरा किया है, तो उसे निपटा लें।
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ)
अगर आपका पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) अकाउंट है, तो यह सुनिश्चित कर लें कि 31 मार्च से पहले आपके अकाउंट में 500 रुपये जमा किए गए हों। अगर आपने एक फाइनेंशियल ईयर में पीपीएफ अकाउंट में मिनिमम 500 रुपये नहीं जमा कराए, तो आपको 50 रुपये पेनल्टी देनी होगी। अगले साल जब आप पेनल्टी जमा करा देंगे, तो आपका पीपीएफ अकाउंट फिर से एक्टिवेट हो जाएगा।
एनपीएस अकाउंट
अगर आपने नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस में अकाउंट खुलवाया है, तो आपको अपना अकाउंट एक्टिव रखने के लिए 31 मार्च से पहले अकाउंट में मिनिमम 1,000 रुपये जमा करवाना देना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपका एनपीएस अकाउंट फ्रीज हो जाएगा और 100 रुपये पेनल्टी देने के बाद ही आपका अकाउंट फिर से एक्टिव होगा। ऐसे में बेहतर होगा कि समय रहते मिनिमम बैलेंस जमा करवा दें।
सुकन्या समृद्धि स्कीम
इस स्कीम में एक फाइनेंशियल ईयर में मिनिमम 1,000 रुपये जमा करवाना जरूरी है। अगर आपने अपनी बेटी के नाम पर सुकन्या समृद्धि स्कीम के तहत अकाउंट खुलवाया है, तो मिनिमम 1000 रुपये जमा करवा दें। मिनिमम डिपॉजिट न जमा करने पर आपको सालाना 50 रुपये की पेनल्टी देनी होगी। अगर आप पेनल्टी जमा नहीं कराते हैं, तो आपको ब्याज का नुकसान होगा और पहले से जमा रकम पर भी पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज यानी 4 फीसदी ही मिलेगा। ऐसे में बेहतर होगा कि यदि आपने वित्तीय वर्ष 2017-18 में इस स्कीम में रुपये जमा नहीं किए हैं, तो 31 मार्च तक मिनिमम बैलेंस जमा कर दें, जिससे नुकसान होने से बच सकें…Next
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