स्मॉग ने दिल्ली-एनसीआर में रह रहे लोगों क लिए पिछले कुछ हफ्तों से सिरदर्द जैसा बन हुआ है। स्मॉग की वजह से आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत हो रही होगी। इस दौरान घर के बाहर कम से कम निकले और जब निकलें तो खुद के चेहरे को अच्छी तरह से पैक करके निकले। इसकी वजह से आपको अस्थमा जैसी बीमारी हो सकती है। आपके शरीर का रजिस्टेंस कम हो सकता है, ऐसे में एहतियात बरतना ज़रूरी है। इस समय लोग इससे बचने के लिए मास्क खरीद रहे हैं, मास्क की बिक्री अचानक बढ़ गई है। बाजार में तरह-तरह के मास्क मिल रहे हैं। लेकिन हर तरह के मास्क आपकी मदद नहीं कर सकते, ऐसे में चलिए जानते हैं कौन सा मास्क है सेहत के लिए सही।
1. सबसे ज्यादा ये काले वाले मास्क नज़र आते हैं। लेकिन ये धूल-धक्कड़ से तो कुछ हद तक तो बचा सकते हैं। लेकिन स्मॉग के खतरनाक कणों से आपको बचाने के लिए कारगर नहीं हैं। ऐसे में अगर प इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे बदले कुछ और देखें।
2. नीले वाले सर्जिकल मास्क भी बहुत से लोग लगाए घूम रहे हैं। लेकिन इसका कोई भी असर नहीं है, ये मास्क हर दिन बदलने भी पड़ते हैं। इससे एयर पॉल्यूशन में कोई मदद नहीं मिलती, ऐसे में इसका इस्तेमाल न ही करें।
3. N95 पार्टिकुलेट रेस्पिरेटर ये मास्क बाकि दोनों के मुकाबले काफी काम देने वाला है। इसे दो से तीन दिन तक इस्तेमाल किया जा सकता है। ये बाजार में करीब 75 रूपये तक मिल रहा है. लेकिन ध्यान रहे, जिन्हें सांस की समस्या है उनके लिए ठीक नहीं है।
4. अगर आप खुद को सच में स्मॉग से बचाना चाहते हैं तो N95 औरा पार्टिकुलेट रेस्पिरेट का इस्तेमाल करें। लेकिन इसे भी आप दिनों में बदल दें, ताकि आप स्वस्थ रहें। ये 150 से 200 रूपये तक में मिल रहा है।स्मॉग के खतरनाक कणों का सामना करने के लिए ये सही है।
5. टोटोबोबो मास्क ये आप ऑनलाइन जाकर देख सकते हैं, ये शायद आपकी जेब पर भारी पड़े। लेकिन स्वास्थ के लिए सही है। इसकी कीमत करीब 2000 से 2500 रूपये के बीच है। लेकिन ये आपको प्रदूषण और स्मॉग से होने वाली बिमारी से दूर रखेगा।
आईआईटी के छोत्रों का ‘नैज़ोफिल्टर‘ भी जल्द आएगा बाजार में
आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों की एक टीम ने प्रदूषण को देखते हुए एक ‘नैज़ोफिल्टर’ बानाया है। ये मास्क से अलग है, इसे आप नाक में फिट कर प्रदूषित हवा से बच सकेंगे। खास बात ये है कि असकी कीमत महज 10 रुपये होगी, ये दिनभर में 8 से 10 तक काम करेगा उसके बाद इसे फेंक देना होगा। इस खास काम के लिए इस टीम को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से ‘स्टार्टअप नैशनल अवॉर्ड’ मिल चुका है। यह डिवाइस ‘नैज़ोफिल्टर्स’ एक नैनो-रेस्परेटरी फिल्टर है, जो हवा में मौजूद महीन खतरनाक कणों से हमें बचाता है। जल्द ही यह डिवाइस इंडिया और ग्लोबल मार्केट में ‘नैज़ोफिल्टर्स’ नाम से मिलना शुरू होगा।
एयर प्यूरिफायर कितना जरूरी
एयर प्यूरीफायर्स के नाम पर भी काफी ज्यादा लोगों की जेब खाली की जा रही है। 5 हजार से लेकर 25 से 30 हजार तक इन्हें बेचा जा रहा है। अपने परिवार की सुरक्षा के लिए लोग इसे खरीद रहे हैं। प्यूरीफायर सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए जरूरी है जिनका घर किसी ऐसे एरिया में है जहां प्रदूषण का लेवल बहुत ज्यादा है या फिर अगर आपके परिवार में किसी को सांस लेने की समस्या है तो भी आप इसे खरीद सकते हैं। लेकिन सभी को इसे लेना बिल्कुल भी अनिवार्य नहीं है।…Next
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