‘अखबार में सुखियां थीं. छात्रों पर लाठीचार्ज, गोली चालन- 2 मरे , प्रोफेसरों पर लाठीचार्ज, दो प्रोफेसरों की हालत चिंताजनक, डीन की नाक पर लाठी का वार. मैं बहुत परेशान था. यह हो क्या रहा है? प्रोफेसर और डीन तक पिट रहे हैं. मैं उदास बरामदे में बैठ गया, पर जिन्हें उदास होना था वे बगीचे में तरह-तरह के फूल सूंघ रहे थे और बगीचे की तारीफ कर रहे थे- ए गुड गार्डन. वेरी वेल मेन्टेन्ड. व्हाट ए वेराइटी ऑफ फ्लोरा एंड फॉना! मुझे लगा कि इस देश में सामान्य आदमी के खून का उपयोग फूलों को रंग और खुशबू देने के काम आ रहा है. कुछ और काम उस खून से नहीं हो रहा. इस समय इन फूलों को लड़कों और अध्यापकों के खून का रंग दिया जा रहा है. बड़ी ताज़गी है.’
हरिशंकर परसाई अपनी रचना ‘रोजमर्रा का मामला’ में जो लिखते हैं, उसका नजारा इन दिनों बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में देखने को मिल रहा है. जहां अपनी सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने की मांग करने पर यूर्निवर्सिटी की लड़कियों को लाठी और गालियों का तोहफा मिल रहा है. नवरात्रि में एक तरफ दुर्गा पूजन किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ लड़कियों पर जमकर लाठियां बरसाई जा रही हैं. ये पहला मौका नहीं है, जब बीएचयू में विवाद का साया मंडरा रहा है बल्कि इससे पहले भी बीएचयू विवादों में रहा है. माना जा रहा है नवम्बर 2014 में गिरीश चंद्र त्रिपाठी की वाइस चांसलर के पद पर नियुक्ति हुई, जिसके बाद से ही बीएचयू में काफी हलचल देखी जा रही है. आइए, एक नजर डालते हैं ऐसे 5 मामलों पर.
1. मूर्ति दिखाई देने लगी अश्लील
यूर्निवर्सिटी परिसर में ही मधुवन नाम की जगह है, जहां पर दशहरा के समय दुर्गा मां की प्रतिमा स्थापित की जाती है. यहां छात्र-छात्राओं का जमावड़ा देखने को मिलता है. इसी मधुवन के बीचो-बीच लगभग 20 फुट ऊंची महिला की कलात्मक मूर्ति लगी है, जिसे 40 साल पहले यूनिवर्सिटी के ही फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स ने बनाया था. अक्टूबर 2015 मूर्ति को अश्लील बताते हुए ढक दिया गया. इससे पहले मूर्ति को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं देखा गया था. मूर्ति को स्कर्ट-टॉप पहना दिया गया. जब विरोध हुआ तो मूर्ति फिर पहले ही तरह हो गई.
2. लाइब्रेरी पर मचा घमासान
23 मई 2016 को बीएचयू में साइबर लाइब्रेरी की मांग उठी थी. छात्रों के एक समूह ने मांग की थी कि बीएचयू में साइबर लाइब्रेरी बनाई जाए, जिससे कि स्टूडेंट्स को पढ़ाई का मौका मिल सके. बाद में प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे. प्रदर्शन करने वाले छह छात्रों को यूनिवर्सिटी से सस्पेंड कर दिया गया था. इस मामले में अभी तक कोई फैसला नहीं आया है.
3. बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में आंखों की गई रोशनी
28 जनवरी को बीएचयू के सर सुंदर लाल अस्पताल में आंखों का इलाज करवाने पहुंचे पांच लोगों का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन के बाद इन्हें आंखों से दिखना बंद हो गया था. वीसी गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे. जांच में सामने आया कि खराब इंजेक्शन की वजह से सबकी आंखों को नुकसान पहुंचा था. हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद सभी पीड़ितों का मुफ्त ईलाज करवाकर उन्हें मुआवजा दिया गया लेकिन लापरवाही का मामला एक बार सबके सामने आ गया.
4. बेतुके नियमों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका
लड़कियां हॉस्टल में नॉनवेज नहीं खा सकती, कपड़ों पर कई तरह की पाबंदियां, वाई-फाई लगाने की मनाही ऐसे ना जाने कितनी रोक-टोक को लेकर छात्राओं ने 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. फिलहाल, अभी इस मामले में सुनवाई नहीं हुई है.
5. प्रोफेसर संदीप पांडेय को बिना कारण बताए किया गया सस्पेंड
जनवरी 2017 को मैग्सेस पुरस्कार विजेता प्रोफेसर संदीप को बिना बताए कॉलेज से निकाल दिया गया. इस घटना के बाद परिसर में स्टूडेंट ने विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि, 22 अप्रैल 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संदीप पांडेय की बर्खास्तगी रद्द कर दी थी. …Next
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