एक बे-औलाद दंपत्ति सभी सुख साधनों के बीच रहने के बावजूद भी हमेशा निराश ही दिखते हैं, क्योंकि उनकी यह भौतिक सुविधायें उनको वह सुख नहीं दे पाती जो एक संतान को अपनी गोद में खिलाने से मिलता है. जो दंपत्ति अनेक प्रयास के उपरान्त भी माँ बाप नहीं बन पाते वह संतान सुख की चाहत में कोई भी कीमत अदा करने को तत्पर रहते हैं.
नाइजीरिया में बच्चों का होता है व्यापार
यद्धपि विज्ञान के युग में इस समस्या के अनेक मेडिकल समाधान हैं फिर भी कुछ विशेष कारणों से कुछ विवाहित जोड़े इस सुख से वंचित रहते हैं. ऐसे ही दम्पत्तियों के दुःख का फायदा उठाकर कुछ लोग नवजात शिशुओं का व्यवसाय करते हैं . नाइजीरिया में इस व्यवसाय को करने वाले लोग ‘बेबी फार्मर्स’ कहे जाते हैं जो 3 से 4 लाख रूपये में निःसंतान जोड़ों को बच्चा प्रदान करते हैं.
नाबालिक लड़कियां करती हैं ‘बेबी फार्मिंग’
नाइजीरिया में ‘बेबी फार्मिंग’ चोरी – छिपे अस्पताल व अनाथालयों में की जाती है. जहाँ पर कम उम्र की लड़कियों को बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार किया जाता है यह लड़कियाँ या तो अनाथ होती हैं या गरीब घरों से होती हैं जो मजबूरी वश इस अवैधानिक कार्य के लिए राजी हो जाती हैं. बच्चों को जन्म देनी वाली यह लड़कियाँ ज्यादातर नाबालिग होती हैं जिनकी उम्र 14-18 साल होती है और यह लड़कियाँ चाहकर भी गर्भपात नहीं करा सकती क्योंकि नाइजीरिया में एबॉर्शन कराना गैरकानूनी है.
कौन करता है बेबी फार्मर्स की मदद
इसी बात का फायदा बेबी फार्मर्स को मिलता है जो किसी मेडिकल संस्था और समाजसेवी संस्था की आड़ में लाचार लड़कियों को बच्चे पैदा करने के लिए विवश करते हैं और बच्चे की ख्वाहिश रखने वाले लोग भी इसका विरोध नहीं करते क्योंकि दूसरे मेडिकल उपचारों की तुलना में यह तरीका सस्ता और सरल होता है. नाइजीरिया के रिपोर्टर्स ने जब इस घोटाले का पर्दाफाश करें की कोशिश की तो एक भयानक सच सामने आया.
Read: शर्मनाक! महिलाओं को ये रोग होने पर पिलाया जाता है जूते में भरकर पानी
रिर्पोट में पता चली सच्चाई
अपनी पहचान बदलकर जब पति – पत्नि के रूप में यहाँ के नामी मैटरनिटी अस्पतालों के डॉक्टर से मिले तो उसने एक दो बार की विजिट के बात ही उनको कह दिया की उनको कभी बच्चा नहीं हो सकता जबकि वह दोनों पहले ही वास्तविक जीवन में माता – पिता बन चुके थे .
धोखे से होता है इलाज
जब कुछ लोग धोखेबाज डॉक्टरों के इस कथन को नकारते हैं तो वह दूसरे सिरे से इलाज करने का दावा करते हैं जिसमें निःसंतान महिला को इंजेक्शन लगाए जाते हैं जिससे उसका पेट बाहर निकलना शुरू हो जाता है. 9 महीने तक उसके इलाज का नाटक किया जाता है और 9 महीने के बाद उसकी डिलीवरी का नाटक करते हुए महिला ऑपरेशन के कट लगा दिए जाते हैं और किसी भी नाबालिग़ लड़की का बच्चा उसको थमा दिया जाता है जो असल में उनका होता ही नहीं…Next
Read More:
62 साल की उम्र में चाय वाले ने किया कमाल, जीते कई पुरस्कार
6000 करोड़ रुपए का मालिक बोनस में देता है कार, बेटा कर रहा है 4000 रुपए की नौकरी
इस प्रेमी जोड़े के पीछे पड़ा पूरा गांव, लड़की से करवाना चाहता है वेश्यावृत्ति
Read Comments