आपने सड़क पर ऐसे कई लोगों को देखा होगा जो शारीरिक रूप से विकलांग होते हैं और सड़कों पर भीख मांगते हैं. ऐसे में उन्हें देखकर कभी-कभी दिल भारी भी हो जाता है. लेकिन सोचिए, अगर कोई विकलांग व्यक्ति नौकरी की तलाश में सड़क पर खड़ा हो और उसे देखकर कोई अमीर इंसान उसके हाथ में 100 रुपए थमा दे, तो ये बात किसी के लिए भी शर्मनाक होगी. लेकिन ऐसा ही एक मामला आया जब एक व्यक्ति ने अपनी शारीरिक कमी को मन पर हावी नहीं होने दिया. दरअसल, इस व्यक्ति का कहना है कि जब वह पैदा हुआ तो उसकी आंखें बिल्कुल बंद थी लेकिन कुछ दिनों के बाद उसकी आंखें धीरे -धीरे खुलने लगी.
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वह इन आंखों से साफ -साफ तो नहीं लेकिन चीजों को देख सकता था लेकिन छोटे अक्षरों को पढ़ पाना उसके लिए एक चैलेंज से कम नहीं था. शारीरिक दोष के कारण लोग उसे अंधा और पतली टहनी कहरकर पुकारते थे. इन हालातों में भी उसके पिता ने उसे स्कूल भेजा. उसने उच्च शिक्षा भी प्राप्त की. लेकिन घर की बिगड़ती हालत उसने कॉलेज जाना छोड़कर गांव में ही छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए. कुछ साल बीतने के बाद वो गांव से शहर चला गया, यह सोचकर कि वहां जाकर कुछ बढ़िया काम करेगा. एक दिन जब मैं एक बिजनेसमैन के नजदीक पहुंचा तो उसने देखते ही इस व्यक्ति के हाथों में 100 रुपए का नोट दे दिया.
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उसने भिखारी समझकर ऐसी हरकत कर डाली. अपने साथ हुई इस हरकत से ये जिंदादिल व्यक्ति शर्मिदा नहीं हुआ बल्कि बिजनेसमैन के पास जाकर उसे 100 का नोट वापिस कर दिया और कहा कि मैं यहां काम की तलाश कर रहा हूं. भीख की नहीं. एक पल के लिए वो अमीर व्यक्ति हैरान हो गया. वो अपनी करनी पर बहुत शर्मिदा था. उसने अगले ही पल कहा कि ‘तुम्हारा जुनून पसंद आया. तुम कल मेरे स्टोर में आना मैं तुम्हें काम दूंगा’. इस तरह इस व्यक्ति ने न सिर्फ अपने आत्मविश्वास से उस अमीर व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास दिलवाया बल्कि अपनी राह भी आसान कर ली…Next
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