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इन्होंने नौकरी छोड़ी, कार बेच दी, लोन लिया सिर्फ इसलिए ताकि भारत स्वच्छ बन सके

अभिषेक महरवा ने कुछ भी ऐसा नहीं किया जिसे कोई दूसरा नहीं कर सकता था. अंतर बस इतना है कि अभिषेक ने पहल की. सड़क पर दौड़ती गाड़ियों से कूड़ा बाहर फेंकने का नजारा भारत में दुर्लभ नहीं. जब कभी हम किसी को ऐसा करते देखते हैं तो बुरा लगता है लेकिन कई बार जाने अंजाने में हम खुद ऐसी हरकत करते हैं. अभिषेक महरवा भी पहले अपनी कार से कचड़ा बाहर फेंकने से पहले सोचते नहीं थे लेकिन जब उन्होंने यह वाक्य पढ़ा तो उनकी पूरी जिंदगी ही बदल गई. यह वाक्य था “जो कचड़ा बाहर फेंकता है दरअसल वह अपनी इंसानियत भी फेंक देता है.”


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अभिषेक सोचने लगे की कैसे हम लोगों की इस आदत को सुधार सकते हैं. एक दिन खाना खाते हुए उन्होंने देखा की उनका लंचबॉक्स पुराना हो चुका है और इसे कार में कूड़ेदान के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे पहले अगर यात्रा करते समय कूड़ा-करकट को अभिषेक अपने कार के पीछे या जेब में जमा करते रहते थे जिसे वे यात्रा समाप्त होने पर किसी कूड़ेदान में डाल दिया करते. अभिषेक की यह आदत उनके दोस्तों में मजाक की वजह भी बनती लेकिन वे अपने स्वचछता अभियान को लेकर दृढ़संकल्प थे. लंचबॉक्स को कार के लिए कूड़ेदान बनाने के अपने इस आईडिया को वे अगले मुकाम पर ले गए.


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वे कार के लिए ऐसे कूड़ेदान का डिजाइन सोचने लगे जो न सिर्फ देखने में अच्छा लगे बल्कि सस्ता भी हो. कई कोशिशों के बाद अभिषेक ने आखिरकार कार के लिए पोर्टेबल ट्रेशबिन के एक डिजाइन को आखिरी रूप दिया और इसे बेचने के लिए एक ऑनलाईन स्टोर खोला जिसका नाम है यूजोशोडॉटकॉम (ujosho.com). अभिषेक बताते हैं कि जोशो एक जापानी शब्द है जिसका मतलब होता है जीत और इसके आगे ‘यू’ यह संकेत देने के लिए जोड़ा गया है कि इस ट्रैशबिन के इस्तेमाल से आप गंदगी को हमेशा हराएंगे.


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अभिषेक अपने इस उत्पाद को सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चों को बेचने के लिए मुफ्त में भी बंटवा देते हैं. उन्होंने अपने इस प्रोडक्ट को पेटेंट नहीं करवाया है क्योंकि उनका मानना है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस तरह के आईडिया के साथ सामने आएं ताकि इस तरह के उत्पाद को और भी सस्ते दाम में उपलब्ध करवाया जा सके. यहां तक पहुंचने के लिए अभिषेक को कई कुर्बानियां देनी पड़ी अपने मकसद को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी, अपनी कार बेच दी और लोन भी लिया. अभिषेक का कहना है कि उनका एकमात्र मकसद यह है कि भारत स्वच्छ बने और इस तरह के उत्पाद लोगों की आदतों को सुधारने में मदद कर सकते हैं. Next…


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