‘हमारे रिलेशन को पांच साल हो गए थे. मैं उसे सरप्राइज देना चाहती थी. हाथों में ढेर सारे गुलाब के फूल और केक लेकर उसके फ्लैट में गई. उसके घर में जाने से पहले मैंने उसे फोन करके पता किया कि वो कहां है ? क्योंकि मेरे पास उसके फ्लैट की एक और चाबी थी. मैं उसके आने से पहले उसके कमरे को सजाकर सरप्राइज देना चाहती थी. इसके बारे में उसे पता नहीं चल जाए, इसलिए मैंने कहा मैं दो दिन के लिए मनाली जा रही हूं… दो दिन बाद मिलूंगी’. उसने जबाब में मुझे ‘मिस यूं’ कहा. उसने कहा ‘मैं भी काम में बिजी हूं तो मुझे 3-4 घंटे लग जाएगें’. मैं मन ही मन उसके भोलेपन पर मुस्कुराने लगी. आधे घंटे में, मैं उसके घर पहुंच गई. मैं फ्लैट खोलकर उसके कमरे में दबे पांव दाखिल हुई. मेरे होश उड़ गए… बस यूं समझ लीजिए कि मेरा होने वाला ‘हमसफर’ किसी और के साथ ‘हमबिस्तर’ हो गया था.
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वो भी मेरी आंखों के सामने. उसके बाद तो कहने या सुनने को शायद कुछ बाकी ही नहीं था. न जाने उस दिन सारी हिम्मत कहां चली गई थी. मैं उसके सामने फूट-फूटकर रो रही थी. और वो उस बिस्तर पर बड़ी बेदर्दी से मेरे अरमान कुचल रहा था. उस दिन को आज तीन साल गुजर गए. पर मैं आज तक किसी इंसान पर भरोसा नहीं कर पाई. एक लम्बे अरसे बाद मैं एक नए रिलेशनशिप में आई लेकिन मुझे उस पर विश्वास नहीं है. मुझे खुद नहीं पता, मैं उसकी जासूसी क्यों करती हूं. 28 साल की चित्रा के विश्वास को चूर-चूर करने वाली दास्तान भी उन लोगों के अनुभवों में से एक है जिनका विश्वास उनके अपनों ने ही तोड़ा है और जिस वजह से वो आज तक किसी पर भरोसा नहीं कर पाएं है. खासतौर पर किसी खास रिलेशनशिप या लव अफेयर में धोखे का सामना किया हो. प्राकृतिक रूप से मानव स्वभाव को समझे तो जीवन में एक बार भी विश्वास टूटने पर किसी भी व्यक्ति में दूसरों प्रति अविश्वास, शक के अलावा खुद में भी आत्मविश्वास की कमी आ जाती है. लेकिन आधुनिक जिंदगी का कड़वा सच है कि अधिकतर लोगों ने किसी अपने से ही धोखा खाया है.
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जिसकी वजह से वो उम्रभर अपने वर्तमान और अतीत से जूझते रहते हैं. उन्हें अकेले रहने में ही मजा आने लगता है. क्योंकि उनके मन में हर पल एक नया धोखा खाने या विश्वास टूटने का डर बना रहता है. ये बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि आज तकनीक ने मिलों दूर रहने वाले लोगों को भी बेहद करीब ला दिया है लेकिन इसका दूसरा पहलू ये भी है कि आज जितनी आसानी से रिश्ते बनते है उतनी आसानी से टूटते हुए देर नहीं लगती. लोगों में स्वीकारने की शक्ति नहीं है. जिसकी वजह से अपने साथी की थोड़ी-सी कमी भी उन्हें सहन नहीं होती और जाने-अंजाने वो ऐसे रास्ते पर चल पड़ते हैं जिन्हें विश्वासघात कहा जाता है.
मुझे सिंगल रहने में मजा आता है
पेशे से इंजीनियर प्रकाश कहते हैं ‘मैं 3 साल से एक लड़की के साथ रिलेशनशिप में था. एक रोज मैंने देखा कि वो किसी के साथ पार्क में घूम रही है. मैंने उस पर शक तो नहीं किया पर मैं उसको देखते ही खुश हो गया. उसके पास गया तो उसने पहचानने से भी इंकार कर दिया. उसने उस लड़के की ओर इशारा करते हुए कहा ‘ये मेरे होने वाले पति है. अगले महीने हमारी शादी है’. उसके मुहं से ये बात सुनकर मेरे पैरों तले जमीन निकल गई. मुझे लगा फिर जो तीन साल से हमारे बीच में था वो क्या था. उसके बाद मैंने खुद को बिजी करने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स का सहारा लेना शुरू कर दिया. वहां मेरी एक लड़की से दोस्ती हो गई. कुछ दिनों की बातचीत के बाद उसने मुझसे पैसों की डिमांड़ शुरू कर दी. किसी न किसी बहाने से वो पैसे मांगती. फिर एक दिन मुझे पता चला वो शादीशुदा है और एक बच्चे की मां है. फिर तो जैसे मुझे किसी इंसान पर भरोसा ही नहीं रहा और मैं किसी के करीब नहीं जाता बल्कि सीधे मुहं बात भी नहीं करता किसी से. खुद को बदलना चाहता हूं पर अब ऐसे सिंगल रहने में ही मजा आता है.
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आपका एक धोखा किसी की जिंदगी बदल सकता है
किसी को धोखा देने की कई वजह हो सकती है लेकिन किसी भी वजह को जायज नहीं ठहराया जा सकता. अगर आप अपने दोस्त या प्यार से खुश नहीं है तो उन्हें साफ-साफ कह देना सबसे अच्छा विकल्प है. अपने रिश्ते को आपसी बातचीत से खत्म करना, एक-दूसरे को धोखा देने से कहीं ज्यादा बेहतर है. क्योंकि अपने प्रियजन से मिला विश्वासघात किसी भी इंसान के दिलों-दिमाग पर लम्बे समय तक प्रभाव छोड़ सकता है. जिससे कुछ लोग तो हताशा का शिकार होकर आत्महत्या का कदम उठा लेते हैं.
तो इसलिए लोग सिंगल रहना पंसद करने लगे हैं
बार-बार अपने जीवन के बुरे अनुभवों से गुजर चुके लोगों के मन में प्यार और विश्वास जैसे शब्दों को लेकर हमेशा शंका में रहते हैं. वो लोगों से खासतौर से अपोजिट सेक्स से दूर भागना शुरू कर देते हैं. साथ ही अगर कोई उनकी तरफ कोई प्यार का हाथ बढ़ाए भी तो, वो घबरा जाते हैं. असल में उन्हें खुद पता नहीं चलता कि वो कब ‘रिलेशनशिपफोबिया’ के शिकार हो गए. आपने भी अपने आसपास ऐसे कई लोग देखे होंगे. जो प्यार-मोहब्बत की बातें जरूर करते हैं. लेकिन सीरियस रिलेशनशिप का नाम सुनते ही उनके पसीने छूटने लगते हैं. इन सभी अनुभवों के चलते आजकल सिंगल या टाइम पास रिलेशनशिप को पसंद करने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है.
अधिकतर लोग हुए हैं किसी न किसी धोखे का शिकार
जब भी धोखे का नाम दिमाग में आता है. कुछ लोगों के दिमाग में हमेशा लव अफेयर से जुड़े मामले ही आते हैं लेकिन हकीकत तो ये है किसी भी रिश्ते में मिला धोखा, व्यक्ति के दिलों-दिमाग पर ताउम्र छाया रहता है और इससे दूसरे रिश्तों पर भी इसकी छाप पड़नी शुरू हो जाती है. ‘धोखा’ ज्यादा लड़कियां देती हैं या लड़के. इस बात पर हमेशा से बहस होती रही है. लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि लड़के और लड़कियां, दोनों ही धोखे खाते हैं. आजकल असल जीवन से लेकर मेट्रोमोनियल साइट्स, सोशल नेटवर्किंग साइट्स तक, हर जगह ऐसे लोग मिल जाएगें जो अपने छोटे से फायदे के लिए किसी का विश्वास तोड़ने या धोखा देने से भी पीछे नहीं हटते. लेकिन इन सब लोगों से बचने के लिए आपको अपने दिल के साथ दिमाग की खिड़की भी खुली रखनी पड़ेगी.
धोखा खाने वालों और देने वालों के लिए एक बात
अगर आप धोखा देने वालों में शुमार हैं या ऐसा ख्याल भी कभी आया हो. तो अपने दिमाग में एक बात बैठा लीजिए कि बह्मांड़ को आप जो भी देते हैं, वो वापस लौटकर आपके पास ही आता है. इसलिए अपनी अगली बारी के लिए तैयार रहिए. धोखा खाने वाले लोग याद रखें कि अगर आपको किसी ने धोखा दिया है तो आपने कुछ नहीं खोया बल्कि उस विश्वास तोड़ने वाले ने एक सच्चा साथी खोया है जबकि आपको तो उस इंसान से मुक्ति मिली है जो आपके साथ कभी वफादार था ही नहीं. इसलिए अपने अतीत को वर्तमान और भविष्य पर हावी न होने दें…Next
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