Menu
blogid : 316 postid : 1112641

घर-घर कूड़ा-कचरा बीन बनाया इस महिला ने खूबसूरत गाउन

जिस शैम्पू और कॉफी की खाली पैकेट को आप कूड़ा-कचरा समझ कर फेंक देते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि ऐसे बेकार पड़े पैकटों से एक महिला लाखों रुपए कमाती है. इस महिला का नाम रिसिया जॉनपाओलो है. महिला अपने आस-पड़ोस के घरों से इन पैकेटों और कुछ कूड़ा-कचरा इकट्ठा करती हैं और अपनी कला एवं हुनर से उसे बेहतरीन परिधान में बदल देती हैं. इन दिनों रिसिया ने अपने हुनर से अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चर्चित हो गई हैं. भारत जैसे देशों के सामने इन्होंने कूड़ा-कचरा प्रबंधन का बेहतरीन मिसाल पेश किया है. जानिए रिसिया किस प्रकार बेकार पैकेटों से काम की चीज बनाती हैं.


image02


रिसिया अपने काम के बारे में बताती हैं कि ‘मैं महीने में एक बार घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करती हूँ. इन कूड़ों में प्रयोग किए गए शैम्पू, डिटर्जेंट, साबुन और कॉफी आदि के पैकेट होते हैं.’  रिसिया व्यक्तिगत रूप से इन सभी इकट्ठे किए गए पैकटों को पानी से धोकर बारी-बारी से पोछती हैं. सफाई कार्य कई चरणों से होकर गुजरता है. फिर इन पैकटों को रंग-रूप के आधार पर अलग किया जाता है.


Read:इन चीजों का हुआ अविष्कार और देखते-देखते बदल गए आप


a1b_2015_10_28_17_28_16


अब रिसिया के अच्छे दिन आ गए हैं. वह एक बड़ी कम्पनी में इवेंट्स प्लानर के रूप में काम कर रही हैं. रिसिया ने चार साल पहले यह काम शौखिया तौर पर शुरू किया था. अपने इस हुनर का पूरा श्रेय रिसिया ने एक महिला को दिया जो उन दिनों कूड़े-कचड़े से अपने लिए कपड़े बनाती थी.



a1_2015_10_28_17_20_27 (1)



Read:गजब! अपने हुनर से इस लड़के ने बना दी जेसीबी मशीन


वह अपने काम के विषय में बताती हैं कि उनके पास हमेशा कैंची और कुछ अन्य समान होते हैं. वह कुछ न कुछ रचनात्मक कार्य करती रहती हैं. रिसिया को उम्मीद है कि उनका काम जन-जन तक पहुंचेगा. लोग उनकी रचनात्मकता से जरूर प्रेरित होंगे. वह कहती हैं, ‘बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें मेरा कूड़ा-कचरा एकत्र करना अच्छा नहीं लगता है. लेकिन रिसिया अपना काम पुरे दिल से करती हैं. रिसिया कहती हैं कि जब मैं बच्ची थी तो हमेशा गाउन पहनना चाहती थी लेकिन पैसे के अभाव में ऐसा न हो सका. आज मैं रेंट पर गाउन देती हूँ.Next…


Read more:

अनोखा आविष्कार: अब इसके बिना आपकी बाइक नहीं होगी चालू

14 साल के इस भारतीय ने दिया था विश्व को ‘ईमेल’

हिरोशिमा और नागासाकी से भी पहले हुआ था परमाणु अस्त्रों का प्रयोग. जाने कहां और कैसे…

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh