ईश्वर ने हम सभी को एक ही मिट्टी से बनाया है. बेशक से धरती पर आकर इंसान विभिन्न धर्मों, जातियों आदि में बंटकर अलग हो जाता है. लेकिन हम सभी में एक तरह की भावनाएं होती है. स्त्री, पुरूष या फिर ट्रांसजेंडर सभी को समान दर्जा देना ही, भगवान के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा को दर्शाता है. भगवान के दिए इस समानता के संदेश को यदि हर इंसान समझ जाएं तो दुनिया आज से कहीं बेहतर बन सकती है. हम में से कई लोग तो ऐसे भी है जो समानता के सन्देश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए खुद आ रहे हैं और भगवान के इस सन्देश की शुरूआत भी खुद भगवान से ही कर चुके हैं.
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इस बार उत्तरी कोलकाता के जॉय मित्र स्ट्रीट में मां दुर्गा की प्रतिमा खुद समानता के भाव को दर्शाती दिखाई देगीं. अर्द्धनारीश्वर के रूप में बनाई गई मां दुर्गा की प्रतिमा इस बार सभी के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है. कोलकाता के ‘प्रत्यय जेंड़र ट्रस्ट’ द्वारा ट्रांसजेंडर के प्रति लोगों का नजरिया बदलने के लिए ये अनोखी पहल की गई है. ट्रस्ट के इस भले काज में क्षेत्र के स्थानीय कल्ब ‘उद्द्यमी युवक बृंदा’ ने भी साथ दिया है. क्लब द्वारा करीब 27 सालों से यहां दुर्गा पूजा का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जा रहा है. लेकिन इस बार क्लब को मानवीय सरोकार से जुड़े, समानता के अहम मुद्दे पर सन्देश देने की बात सूझी. फिर तो क्लब ने एक पल की भी देरी ना करते हुए ट्रांसजेंडर्स के लिए काम करने वाली एक संस्था की मदद ली. ‘प्रत्यय जेंड़र ट्रस्ट’ और ‘उद्द्यमी युवक बृंदा’ ने मिलकर समानता के सन्देश को दुर्गा पूजा के साथ जोड़ने का फैसला किया.
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इस बार मां दुर्गा की मूर्ति को बड़े ही अलग अन्दाज में बनाया गया है. अर्द्धनारीश्वर के रूप में, दुर्गा मां का आधा भाग स्त्री और आधा हिस्सा पुरूष के रूप में बनाया गया है. जिसमें एक तरफ उन्होनें धोती, मूंछे, आदि चीजों को धारण किया हुआ है तो दूसरी तरफ स्त्री अंगो के साथ बिंदी, चूड़ियां आदि अलंकारों को धारण किया हुआ है.आप ये बात जानकर हैरान रह जाएंगे कि सबसे पहले ये अनोखा विचार 55 साल की भानू नसकर को आया था. जो खुद ट्रांसजेंडर समुदाय से संबंध रखती हैं. उनके अनुसार ‘दुर्गा मां की यह प्रतिमा न केवल स्त्री-पुरूष को एक साथ दिखाकर समानता का सन्देश दे रही है. बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के प्रति भी समानता और नया नजरिया भी पेश कर रही है..Next
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