दो प्यार करने वालों को ज़ुदा कर उनकी जान ले लेना संसार के घृणित कृत्यों में सबसे उपर है. भारत के अनेक राज्यों में अशिक्षा से उपजी नासमझी और आभासी सामाजिक शान के कारण प्रेमी जोड़ों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रेमी जोड़ों पर समाज के लोगों, रिश्तेदारों और खुद परिवारवालों की नफ़रत की यह लाठी इतनी तेज पड़ती है कि उनके जान पर बन आती है.
लेकिन हमारे समाज में प्यार की छत बनाने वालों की भी कमी नहीं है. प्रेमी जोड़ियों को ऐसी मुसीबतों से बचाने के लिए लव कमांडो नामक गैर सरकारी संगठन पिछले पाँच वर्षों से काम कर रही है. वैसे दिल्ली के इस संगठन का इतिहास करीब एक दशक पुराना है.
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वर्ष 2001 में अपने कुछ दोस्तों के साथ संजॉय सचदेवा ने पीस कमांडो नामक समूह बनाया था. यह समूह वेलेंटाइन दिवस पर प्रमियों को बचाता था. अब इस गैर सरकारी संगठन के साथ समूचे भारत से करीब 17 लाख स्वयंसेवक जुड़े हैं.
यह गैर सरकारी संगठन रिश्तेदारों और परिवारवालों के भय से आतंकित होकर भागे हुए प्रेमियों की कानूनी तरीक़े से शादी कराता है और उनकी सुरक्षा के लिए जरूरत के अनुसार छत मुहैया कराता है. इस संगठन के पास 350 अस्थायी आश्रयस्थल हैं.
नेक काम में भी आर्थिक संकट से जूझ रही यह संगठन अपने उद्देश्य “प्यार करना पाप नहीं, विरोधी हमारा बाप नहीं” से भटकी नहीं है. नफ़रत की लाठी से प्यार की छत बढ़िया होती हैं. लव कमांडो नामक इस संगठन के लिए टेनिस खिलाड़ी बोर्ग ने डिज़िटल अभियान “यूनाइट दी लवर्स” के जरिये पैसों की इंतज़ाम की थी. सत्यमेव जयते के ऑनर किलिंग आधारित कड़ी में लव कमांडो को तरजीह दी गयी थी. इसके बावज़ूद कॉरपोरेट सोशल रेस्पान्सिब्लिटी की ओर लार टपकाये इस समाज में लव कमांडो जैसे संगठन धन घोर किल्लत झेलने को विवश हैं.Next….
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