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कोर्ट परिसर में बेटी के हत्यारे को क्यों गले लगा रही है ये माँ?

माफ़ी सिर्फ एक शब्द नहीं. यह एक भाव है. हृदय का एक ऐसा भाव जिसको व्यवहार में लाने के लिये मन को मज़बूत करना पड़ता है. हृदय की उदारता इसका आधार है और हृदय की विशालता इसका चरित्र. किसी भूल के लिये गलती करने वाले को माफ़ करना इतना आसान नहीं होता जब भूल पीड़ित के किसी स्वजन की मौत से जुड़ी हो. इसे गलत साबित किया है फ़्लोरिडा के मियामी की रहने वाली एक महिला ने.


mother


वर्ष 2012 में उस महिला की 13 वर्षीया बेटी जिना की दुर्घटनावश हत्या हो गयी थी. मामले में जॉर्डायन हॉवै आरोपी थे. वास्तव में हॉवै ने बूलवश गोली चला दी थी जिससे 13 वर्षीया निर्दोष लड़की की मौत हो गयी. यह मामला अदालत में था. अपनी बेटी के हत्यारे को उसकी माँ पूरी सज़ा दिलाना चाहती थी.


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तारीख़ें पड़ रही थी. अदालती तारीख़ वाले एक दिन उस बच्ची की माँ अदालत में अपने स्थान पर खड़ी हुई. जब उसने यह जाना कि गोली गलती से चली थी, तो उसने भी अपना इरादा बदलने का फैसला लिया. वह आरोपी हॉवै के पास पहुँची और उसे गले से लगा लिया. अब सज़ा के रूप में उसे लोगों को ‘बंदूक से उपजी हिंसा’ के बारे में जगह-जगह घूम-घूम कर बताना पड़ेगा.


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अपनी बेटी के हत्यारे को गले लगाने की इस प्रक्रिया में शिकन रहित सादगी थी, जिसने वहाँ मौज़ूद लोगों को स्तब्ध कर दिया. अपने परिजन के हत्यारे को माफ़ करना इतना आसान भी तो नहीं होता! वो भी एक माँ के लिये.


इस मामले में दिनकर की यह पंक्तियाँ फिर से सार्थक हो उठी-

क्षमा शोभती उस भुजंग को,

जिसके पास गरल हो।

उसको क्या, जो दंतहीन

विषरहित, विनीत, सरल हो।Next…


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