यह खबर भले ही छोटी लगे पर ये भारतीय महिलाओं की सोच में आ रहे कुछ आश्चर्यजनक बदलाव को दर्शाती है. भारत की महिलाएं अब ज्यादा स्वतंत्र और साहसी फैसले लेने लगी हैं. पति के घर में लड़की की डोली जाती है और अर्थी बाहर आती है टाइप के घिसे-पिटे संस्कारों को उम्र भर ढ़ोने के लिए मजबूर नहीं है. खास बात यह है कि न सिर्फ शहर बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं भी अब ऐसे फैसले लेने लगी हैं जिनके बारे में कुछ दिन पहले तक सोचना भी मुश्किल था.
हालिया वाकया बिहार की रहने वाली रेनू पासवान की है. रेनू ने अपने पति शशिभूषण पासवान को शादी के तीन साल बाद एक साल के बच्चे के साथ छोड़ दिया. पति को छोड़ने के पीछे वजह है शशिभूषण के गावं में होने वाली बिजली की कटौती. बरनी गांव के शशिभूषण के साथ रेनू ने शादी तो कर लिया पर गांव के माहौल से वह कभी भी सामंजस्य नहीं बैठा पाई.
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हालांकि शशि ने रेनू के आरोपों का खंडन किया है. शशि का कहना है कि उसके गांव की हालत में पहले की अपेक्षा काफी सुधार आया है. शशिभूषण के अनुसार, “पहले हमारे गांव में केवल 7-8 घंटे के लिए बिजली आती थी पर अब 15 घंटे बजली आती है.” शशि के परिवार ने रेनू को समझाने की पूरी कोशिश की पर वे असफल रहे. खैर यह बात भी सच है कि शशि की शादी टूटने में उससे ज्यादा बिजली विभाग का दोष है.
हाल के दिनों में रेनू की तरह कई भारतीय महिलाओं की खबरें आई जिन्होंने अपनी मांग पूरी न होने पर कठोर कदम उठाने में हिचक नहीं दिखाई. उत्तर प्रदेश के रसूलाबाद में एक दुल्हन ने अपने होने वाले पति से शादी करने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि वह यह नहीं बता पाया कि 15+6 बराबर कितना होता है.
उत्तर प्रदेश की ही एक अन्य घटना में दुल्हन ने दुल्हे के एक बीमारी के बारे में जानने के बाद एक बराती से शादी कर लिया. लड़के ने अपनी बीमारी के बारे में बताया नहीं था और शादी के दिन ही उसे सर्जरी के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा.
इन घटनाओं का आने वाले समय में भारतीय समाज पर कैसा असर पड़ेगा यह तो नहीं कहा जा सकता पर ये घटनाएं भारतीय स्त्रियों की चेतना में आ रहे एक बड़े बदलाव की ओर संकेत जरूर करती है. Next…
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