Menu
blogid : 316 postid : 862771

बेटी के लिए 43 सालों तक छुपाए रही जेंडर, एक मां के संघर्ष की अद्भुत दास्तां

अपने बच्चे को पालने के लि्ए एक मां क्या कुछ नहीं करती है. लेकिन अपनी बेटी को पालने के लिए इस मां ने जो कुछ किया उसके लिए अद्भुत शब्द भी कम लगता है. 43 सालों तक कोई नहीं जान पाया कि जूते पॉलिश करने, ईंट बनाने समेत कई काम करने वाला यह पुरूष दरअसल पुरूष नहीं बल्कि एक महिला है.


woman-shoemaker


मिश्र की इस महिला को मदर मिश्र कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी. सीसा अबू दाओ नाम की यह महिला पति की मौत के बाद अपनी बेटी को पालने के लिए 43 साल तक पुरूष बनकर काम करती रही. मिश्र के लक्सर प्रांत की सरकार ने अबू दाओ के इस संघर्ष का सम्मान करते हुए उन्हें ‘आदर्श मां’ के खिताब से नवाजा.


Read: वेश बदल कर निकले एसएसपी को आम आदमी समझ थानेदार ने उठाया हाथ, हुआ बर्खास्त


निकाह के कुछ समय बाद ही 64 साल की सीसा अबू दाओ के संघर्ष की शुरुआत हो गई थी. अबू गर्भवती थीं और उनके शौहर का अचानक इंतकाल हो गया. बच्ची को जन्म देने के बाद अबू के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया और मिश्र के समाज में महिलाओं का काम करना वर्जित था. अबू ने इस चुनौती को स्वीकार किया और अपनी बेटी हाउदा की परवरिश के लिए वह पुरूषों का वेश बनाकर बाहर काम करने लगीं.


women


वर्षों की मेहनत के बाद अबू दाओ ने बेटी का निकाह तो कर दिया लेकिन उनका संघर्ष खत्म नहीं हुआ. अबू का दामाद बीमार रहता था जिस कारण उन्हें काम जारी रखना पड़ा. घर की एकमात्र कमाऊ सदस्य होने का कारण वह अब भी काम करती हैं. उनकी बेटी बताती हैं कि स्टेशन पर बूट पॉलिश के लिए वह सुबह छह बजे उठ जाती हैं. वह अपनी मां की मदद करने के लिए उनका सामान ले जाती है.


Read: बंधुआ मजदूरी के खिलाफ वीरो का संघर्ष – सशक्त नारी की सच्ची दास्तां


अबू दाओ अपने संघर्ष के बारे में बताती हैं, ‘मर्दों की बुरी नजर से बचने के लिए मैंने पुरूषों का वेश बदलने का फैसला किया. मैंने उनके जैसे कपड़े पहने और फिर उन गांवों में उनके साथ काम किया, जहां मुझे कोई जानता नहीं था.’ Next…

Read more:

प्रकृति का अजूबा……इस जगह खिलती है महिला के आकार की फूल

महिला ने खुद को किया इंटरनेट पर नीलाम

बिना गर्भाशय के महिला ने दिया जुड़वा बच्चों को जन्म


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh