रोजी-रोटी की तलाश में इंसान देश-परदेश में दर-दर की ठोकरें खाता है. कई बार तो पापी पेट की खातिर अपनी जान तक जोखिम में डाल देते हैं. ऐसा नहीं है कि खतरनाक कामों के बदले इन्हें अच्छा पैसा मिलता है. सच तो यह है कि इस तरह के जोखिम भरे कामों के बदले इन्हें चंद पैसे से ही संतोष करना पड़ता है. अनमोल जान को हर वक्त अपनी हथेली पर रखकर काम करना पड़ता है. आइए एक नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ कामों पर जिसको करते वक्त हमेशा खतरा सर पर मंडराता रहता है.
निर्माण श्रमिक– भवन, पूल या गगनचुंबी इमारतों को बनाने के लिए निर्माण श्रमिक की आवश्यकता होती हैं. इन स्थानों पर निर्माण श्रमिक बेहद खतरनाक हालातों में काम को अंजाम देते हैं. जरा सी भी चूक से निर्माण श्रमिक की जान जा सकती है या वह जीवन भर के लिए अपंग हो सकता है. यह श्रमिक 300 से 400 रुपए की दिहाड़ी पर काम करते हैं.
मछुआरा- मछली पकड़ना केवल भारत में ही नहीं बल्कि पुरे दुनिया में सबसे खतरनाक कामों में से एक माना जाता है. मछुआरे अच्छी और अधिक मछलियों की तलाश में गहरे और दूर समुद्र में निकल जाते हैं. कई बार अचानक बदले मौसम के कारण वह वापस नहीं लौट पाते. गलती से भी अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने पर मछुआरों को एनकाउंटर या कई वर्षो तक कारावास की सजा तक भुगतनी पड़ती है.
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कचरा बिनना – कचरा बिनने पर हमेशा स्वास्थ्य संबंधी खतरा बना रहता है. ऐसे लोगों को जरा भी इस बात का अंदेशा नहीं होता कि वे रोज कितने खतरनाक वस्तुओं को इकट्ठा करते हैं. कई बार तो कचरे में रेडियोधर्मी जैसी खतरनाक सामग्री भी होती है. ये लोग हमेशा चोट, संक्रमण, हाथ-पैरों में जलन और सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित रहते हैं.
ट्रक और ट्रांसपोर्ट ड्राईवर – ट्रक ड्राईवर हमेशा लम्बी दूरी की यात्रा करता है. कई बार तो ट्रक ड्राईवर को बिना किसी सुरक्षा के सुदूरवर्ती और दुर्गम स्थानों पर भेजे जाते हैं. ऐसी जगहों पर सड़क दुर्घटना और लूटपाट का खतरा बना रहता है. इस काम में खतरा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुरे संसार में हर घंंटे 40 ड्राईवरों की मौत हो जाती है.
दमकलकर्मी – अग्निशमन कर्मचारी हमेशा अपनी जान की बाजी लगाकर दूसरे लोगों को जीवनदान देता है. दमकलकर्मी को हर वक्त किसी भी विपरीत परिस्थितियों के लिए तैयार रहना पड़ता हैं. यह काम इतना जोखिम भरा होता है कि दमकलकर्मी को जान से हाथ धोना पड़ता है, या जीवन भर के लिए अपंग बना देता है.
आयरन और स्टील कर्मचारी– आयरन और स्टील कारखाने में कच्चे लोहे को 2000 डिग्री से 3000 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भट्ठी में पिघलाया जाता है. पिघले लोहे को दूसरे कंटेनरों में डाला जाता है. यह बहुत ही जोखिम भरा काम होता है. पिघला लोहा श्रीमिकों के ऊपर गिरने का डर हमेशा बना रहता है. Next…
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