आमतौर पर समाज में यह धारणा है कि नशा करना मर्दों की फितरत है. समाज में पुरुषों को ही नशा करने का अधिकार है. अगर महिलाएं इस तरह की करतूत करती हैं तो उन्हें कुल विरोधी या कुल का नाश करने वाला माना जाता है. लेकिन बदलते समाज के साथ-साथ लोगों की सोच बदली है. आज महिलाएं पुरुषों के साथ कदमताल कर रही हैं. वह किसी भी क्षेत्र में अपने आप को कम नहीं आंकतीं. अगर पुरुष धूम्रपान करता है तो वहां भी वह अपने आप को बीस साबित कर रही हैं. लेकिन एक नए शोध से पता चला है कि आज की तारीख में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की मौत के आसार बढ़ रहे हैं.
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आज अगर कोई सिगरेट पीता है चाहे वह स्त्री हो या पुरुष तो उसकी इस हरकत को हाई स्टेटस के साथ जोड़कर देखा जाता है. पुरुषों की तरह महिलाएं भी कम उम्र में सिगरेट पीना शुरू कर देती हैं. कहीं-कहीं तो यह भी देखा गया है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले बहुत ही ज्यादा सिगरेट पीती हैं. उनकी यही आदत स्वास्थ्य को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है. इन्हीं आदतों की वजह उनमें फेफड़ों के कैंसर का रिस्क बढ़ गया है.
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न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसन में छपे शोध के मुताबिक धूम्रपान के कारण अब पुरुषों की ही तरह महिलाएं भी बड़ी संख्या में मर रही हैं. सिगरेट का अधिक सेवन करने से वर्ष 2000 से 2010 के बीच धूम्रपान करने वाली महिलाओं में लंग कैंसर से मौत की आशंका सामान्य लोगों के मुकाबले 25 गुना हो गई थी. शोध में अमरीका की 20 लाख से ज्यादा महिलाओं से इकट्ठा किए डेटा पर नजर डाली गई है.
वैसे समाज का कोई भी वर्ग हो किसी भी तरह का धूम्रपान उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. जागरुकता अभियान के तहत लोगों को यह संदेश दिए जाते हैं कि शराब, गांजा और भांग सहित हर प्रकार के मादक द्रव्यों का सेवन आपके जीवन में तबाही लेकर आता है. खासतौर पर सिगरेट को लेकर किसी भी तरह के विज्ञापन न दिखाए जाने की हिदायत दी जाती है. यह शोध भले ही नशे के आदी हो चुके लोगों को प्रभावित न कर पाए लेकिन वह लोग जरूर सावधान हो जाएं जो अकसर सिगरेट को शौकिया तौर पर पीते हैं.
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