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यहां सामान नहीं औरतें बिकती हैं !!

हम सभी कोसुबह आठ बजे से लेकर आधी रात तक शरीर बेचने के लिए मजबूर किया जाता था. पुणे केवेश्यालय में मेरे जैसी सैंकड़ों लड़कियां हैं. यह अत्याचार हफ्तों तक चलता थाऔर वहां से भागने का कोई मौका नहीं था.


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महिलाओं की तस्करी का बाजार


women traffickingयह कहानी हैं बांग्लादेश से भारत लाई गई महिलाओं की जिन्हें महिलाओं की तस्करी करने वालों ने जबरन देह व्यापार के धंधे में ढकेला था. पीड़ित महिला ने बताया कि किस तरह मानव तस्करों ने महिलाओं को एक मजदूर जैसा जीवन जीने के लिए विवश कर दिया था, ऐसा मजदूर जो दिन-रात मेहनत करने के बाद भी अपनी मजदूरी नहीं मांग सकता था.


महिलाओं को उपभोग की वस्तु समझा जाता है जिसका कोई भी पुरुष उपभोग कर सकता है शर्त यह है कि उस पुरुष के पास उस महिला के साथ रात गुजारने की कीमत होनी चाहिए.


प्यार या फिर देह व्यापार के लिए धोखा

मानव तस्करों ने देह व्यापार को व्यापक बनाने के लिए प्यार और धोखे जैसा खेल खेलना शुरु कर दिया है. आपको याद होगा सोफी नाम की महिला जिसके साथ उसके प्रेमी ने प्यार का खेल खेला फिर उसे बाजार में बेच आया.


मानव तस्करी की शिकार बनी सोफी का कहना था कि किस तरह वो अपने कथित प्रेमी के चंगुल में फंस  गई और फिर उससे जबरन वेश्यावृत्ति के धंधे में ढकेल दिया गया. सोफी ने यह भी बताया कि उसका प्रेमी जब शुरुआती समय में उससे मिला था तो उसने अपनी पहचान गलत बताई थी. अधिकांश मानव तस्कर युवतियों को अपने प्रेम जाल में फंसाने के लिए अपनी गलत पहचान ही बताते है और यदि युवती उनके प्रेम जाल में फंस जाए तो वो उसे वेश्या बनने पर मजबूर कर देते है. बहुत बार ऐसा देखा गया है कि यदि युवती अपने शरीर की कीमत लगाने से मना कर देती है तो मानव तस्कर युवती का अश्लील एमएमएस बनाकर बाजार में बेचने की घमकियां देते है.


नशीले पदार्थ का सहारा

22 वर्षीय पीड़ित महिला मोनिका की कहानी ऐसी है जो इस बात का अहसास करवाती है कि किसी अजनबी पर विशवास नहीं करना चाहिए. मोनिका ने बताया कि उसके गांव में एक दिन एक महिला आई थी जिसने नौकरी लगवाने का वायदा किया फिर कुछ ऐसा खाने के लिए दिया जिससे थोड़े समय बाद ही मोनिका को चक्कर आने लगे और जब उसकी आंख खुली तो वो किसी ऐजेंट को बेची जा चुकी थी. मानव तस्कर वेश्या बजार में महिलाओं को बेचने और खरीदने के लिए अधिकांश महिला एजेंट का सहारा लेते है जिस कारण यह कहना मुश्किल है कि महिलाओं की तस्करी केवल पुरुष ही करते है.


सीमापार तस्करी

मानव तस्करी का बड़ा व्यापार सीमापार से किया जाता है. फिर चाहे भारत से ले जाकर महिलाओं को बाहर बेचा जाए या फिर भारत की सीमापार से लाकर महिलाओं को भारत में बेचा जाए. बागलादेश और भारत की सीमा 4000 किलोमीटर से भी कहीं ज्यादा है. बागलादेशी लड़कियों को भारत मे नौकरी का झांसा दिया जाता है और बाद में उन्हें भारत के विभिन्न शहरों में यौनकर्मियों के तौर पर बेच दिया जाता है.


अंतर्राष्ट्र्रीय स्तर पर भी मानव तस्करी का व्यापार खुले में किया जाता है. ऑस्ट्रेलिया में बेची जाने वाली ज्यादातर महिलाएं एशिया और यूरोप से ही लाई जाती है. इन महिलाओं को अक्सर नौकरी और कॉलेजों में दाख़िले का झांसा देकर लाया जाता है.

मानव तस्करी का शिकार हुई महिलाओं का कहना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी कड़ी की जाए तो मानव तस्करी जैसे व्यापार पर कुछ सीमा तक काबू पाया जा सकता है.

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Tags: हिलाओं तस्करी, नारी, मानव तस्करी, महिलाओं का बाजार, वैश्या, women trafficking, women trafficking in india, women and society

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