एक मासूम सी बच्ची आराधना जिसकी उम्र महज 9 साल, हंसती थी तो उसकी हंसी की आवाज सारे परिवार में गुंजने लगती थी. पर पता नहीं अचानक आराधना की हंसी की आवाज कहा गुम हो गई. 9 साल की बच्ची आराधना के साथ जब 40 साल के पुरुष ने शारीरिक शोषण किया तो आराधना समझ ही नहीं पा रही थी कि आखिरकार उसके साथ क्या हो रहा है. आज के समय में आराधना जैसी कहानी हजारों लड़कियों की है जिनका शारीरिक शोषण हो रहा है. लेकिन शारीरिक शोषण की कहानी लड़कियों तक ही सीमित नहीं रह गई है आज छोटी उमर के लड़कों के साथ भी शारीरिक शोषण होता है.
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बाली उम्र में शारीरिक शोषण
शारीरिक शोषण की घटनाएं भारत तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि यह घटनाएं अब दुनिया भर में देखी जा रही हैं. शारीरिक शोषण की घटनाओं में सबसे हैरान कर देने वाली घटना यह है कि कोई मेहमान बनकर आपके देश में आता है और फिर आपके देश की गरीबी का फायदा उठाकर छोटे-छोटे बच्चों के साथ अपनी शारीरिक हसरतों को पूरा करता है. ऐसा ही कुछ हाल थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से दो घंटे की दूरी पर बसे रिसॉर्ट इलाके का है जहां बड़ी मात्रा में लोग पर्यटन के लिए आते हैं पर वहां के गरीब बच्चों की गरीबी का फायदा उठाकर अपनी शारीरिक जरूरतों को कम उम्र के बच्चों के साथ पूरा करते हैं.
कम उम्र बच्चों की कौन सी जरूरतें है जो उन्हें मजबूर बना देती हैं
छोटी उम्र की ऐसी कौन सी जरूरतें होती हैं जिनके कारण सात से आठ साल तक के बच्चे अपना शारीरिक शोषण करवाने के लिए तैयार हो जाते हैं? किसी ने सच ही कहा है कि भोजन की मजबूरी इंसान से क्या-क्या नहीं कराती है. गरीब देशों के बच्चे ज्यादातर शारीरिक शोषण का शिकार होते हैं क्योंकि वो अपने गरीब परिवार का पेट भरने का एक मात्र सहारा होते हैं. पर सवाल यह है कि पेट की भूख को शांत करने का यह कौन सा तरीका है कि गरीब माता-पिता अपने मासूम बच्चों को शारीरिक प्रताड़ना झेलने के लिए छोड़ देते हैं.
छोटी उम्र के बच्चों के साथ…….
समाज में हर तरह के लोग होते हैं पर हैरानी होती है यह सोच कर कि समाज में ऐसे लोग भी होते हैं जो छोटे-छोटे मासूम बच्चों को अपनी शारीरिक इच्छाओं को पूरे करने की नजर से देखते हैं. समाज ऐसे लोगों के बारे में यह धारणा रखता है कि यह वो लोग होते हैं जो सेक्स में हर दिन कुछ नया चाहते हैं और जब वह किसी एक वर्ग के साथ सेक्स करते-करते थक जाते हैं तो विभिन्न आयु वर्ग पर अपनी नजर रखने लगते हैं. ऐसे लोगों की शारीरिक इच्छाएं एक सीमा के बाद इतनी बढ़ जाती हैं कि वो जानवर के साथ भी सेक्स करने की इच्छाएं रखने लगते हैं. सवाल यह है कि वो कौन से कारण होते हैं कि कुछ लोग छोटी उम्र के बच्चों, जानवरों, पुरुष-पुरुष के साथ, महिला-महिला के साथ अपनी शारीरिक इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं. छोटी उम्र के बच्चों के साथ शारीरिक इच्छाओं को पूरा करने की जो व्यक्ति इच्छा रखता है या फिर छोटी उम्र के बच्चों को मानसिक या शारीरिक आघात देता है उस व्यक्ति को पिडोफाइल कहा जाता है. पिडोफाइल व्यक्ति में छोटी उम्र के बच्चों के साथ सेक्स करने की भावना उत्तेजित होती है पर समाज इन मानसिक बीमारिय़ों में विश्वास नहीं रखता है. सवाल यह है कि क्यों मासूम बच्चे बड़ी मात्रा में पर्यटकों का शिकार हो रहे हैं. क्यों नहीं सरकारें और पुलिस बाल शोषण के लिए बनाए गए कानूनों पर कार्यवाही करती हैं. कब तक उन लोगों को खुले में छोड़ दिया जाएगा जो छोटी उम्र के मासूम बच्चों को शारीरिक और मानसिक आघात पहुंचाते हैं ?
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