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क्या दिल्ली में कोठे बंद हो गए हैं?

Eve Teasing Acts

पिछले ब्लॉग में हमने आपको बताया था कि किस तरह दिल्ली मेट्रो में एक लड़की की आबरू उतरी और वहां खड़े लोग मात्र तमाशा देखते रह गए. इस घटना के बाद लड़की का सवाल था कि ऐसे लोग जो अपनी वासना को मेट्रो, बस या अन्य जगह पूरी करते हैं क्या उनके लिए कोठों के दरवाजे बंद हैं या दिल्ली में पैसे लेकर सेक्स करने वालों की कमी हो गई है?


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Gang Rapeआवाजें अकसर दब जाती हैं या दबा दी जाती हैं? (Raise Voice against ‘Eve Teasing’)

यह लड़की यूं तो बेहद आम है और ऐसी घटनाएं दिल्ली में आम तौर पर होती हैं. यही वजह है कि आज भी लड़कियां घर से बाहर निकलने से पहले डरती हैं. जरा सी देर होने पर उनके घर वालों को डर सताने लगता है. दिल्ली की सड़कों पर घूमने वाले हवश के खुले सांडों के लिए कामकाजी महिलाएं अपनी कुंठित भावना को शांत करने का आसान जरिया ज्ञात होती हैं. कामकाजी महिलाएं भी ऐसी घटनाओं को आम मान इन्हें इग्नोर करना ही सही मानती हैं क्यूंकि उन्हें पता है अगर वह इसके खिलाफ आवाज उठाएंगी तो कई आवाजें दबी जुबान में उनके खिलाफ भी उठेंगी.


आज लड़कियों के कपड़े और उनके चाल चलन को ही लोग उनसे हो रही छेड़खानियों की वजह मानते हैं. पर यहां सवाल यह उठता है कि क्या एक नौ साल की लड़की भी भड़काऊ कपड़े पहनती है? रोड पर चलती महिलाओं या बस में सफर करने वाली स्त्रियां क्या अंग प्रदर्शन करती हैं जो मनचले उन्हें बिकाऊ समझ उन्हें छेड़ने लगते हैं?


RAPE IN INDIAReservation in the Delhi Metro: क्या आरक्षण है इलाज ?

दिल्ली मेट्रो या अन्य परिवहनों के साधनों में महिलाओं की स्थिति को लेकर एक लंबे समय से बहस जारी है. सार्वजनिक और छोटी दूरी की यात्राओं में महिलाओं को छेड़छाड़ से ही बचाने के लिए सीटों का आरक्षण किया गया है. लेकिन सवाल यह है कि क्या मात्र आरक्षण कर हम महिलाओं को छेड़छाड़ से बचा सकते हैं?


महिलाओं के लिए अलग सीट या डिब्बों का आरक्षण कर हम एक तरह से सिर्फ समाज को विभाजित करते हैं. महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण एक अंतिम हल नहीं है.


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हालांकि कई लोगों का मानना है कि दिल्ली या अन्य शहरों में छोटी दूरियों के सार्वजनिक यातायात के साधनों में बैठने की सीटों पर महिलाओं का ही पूरा अधिकार होना चाहिए. इसके अलावा ऐसे साधनों में सिर्फ वृद्धों और बीमार लोगों को ही सीटों का लाभ मिलना चाहिए. परंतु एक पुरुष प्रधान समाज में ऐसी व्यवस्था को लागू करना बहुत हद तक मुश्किल साबित होता है और हाल के सालों में ऐसी संभावना बहुत कम है कि यह व्यवस्था लागू हो.


Respect Women: घर से ही सिखाएं इज्जत का पहला पाठ

और सिर्फ आरक्षण से ही नहीं अगर महिलाओं के साथ हो रहे छेड़खानी की घटनाओं को कम करना है तो हमें एक बड़े स्तर पर बदलाव की जरूरत है. यह बदलाव समाज की सबसे पहली ईकाई यानि परिवार से शुरू होनी चाहिए. परिवार से ही बच्चों को महिलाओं की इज्जत करने का नैतिक गुण सिखाया जाना चाहिए. साथ ही शैक्षिक संस्थानों में भी नैतिक ज्ञान के रूप में महिलाओं के सम्मान के बारे में बच्चों को ज्ञान देना चाहिए.


महिलाओं से होनी वाली छेड़खानियों के खिलाफ कानून

इस मामलें में अकसर मनचलों और असमाजिक तत्वों का हौसला इसलिए भी बढ़ जाता है क्यूंकि लड़कियां इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाती हैं. कुछ महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे में पता ही नहीं होता तो कुछ आवाज उठाने का हौसला नहीं जमा कर पातीं. आइए जानें कुछ ऐसे नियमों और कानूनों के बारे में जो महिलाओं के खिलाफ की जाने वाली छेड़छाड़ से संबंधित हैं:


Acts against rape in IndiaEve Teasing Acts in Delhi

धारा 294 (IPC Act 294): अगर कोई आपके साथ छेडख़ानी करता है या अश्लील इशारे करता है तो यह एक अपराध है. यदि कोई किसी व्यक्ति को लेकर कोई अश्लील इशारे करता है, भद्दे गाने गाता है या फब्तियां कसता है, तो इस तरह का कृत्य करने वाले के खिलाफ धारा 294 के तहत पुलिस में मामला दर्ज कराया जा सकता है. इसके अंतर्गत दोषी को तीन महीने की सजा व जुर्माना हो सकता है.


धारा 509 (IPC Act 509): यदि कोई व्यक्ति किसी महिला के प्रति उसका अनादर करने वाले शब्दों का इस्तेमालकरता है या ऐसा कोई कार्य करता है तो उसके खिलाफ धारा 509 के तहत मामला दर्ज कराया जा सकता है. जिसके अंतर्गत उसे एक साल की कैद तक हो सकती है.

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धारा 354 (IPC Act 354): यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की लज्जा भंग करने की नीयत से उस पर हमला करता हैया उसके शरीर को चोट पहुंचाता है, तो उसके खिलाफ धारा 354 के तहत मामला दर्ज कराया जा सकता है. जिसके अंतर्गत दो साल की कैद या जुर्माने का प्रावधान है.


The Delhi Prohibition of Eve Teasing Act 1988: इसके साथ द दिल्ली प्रोहेबिटेशन ऑफ इव टीजिंग एक्ट 1988 भी महिलाओं से छेड़खानी से संबंधित है. इसके अंतर्गत छेड़छाड़ और अश्लील कमेंट करना एक गैर जमानती जुर्म है.


Tips for Girls in Metro – महिलाओं के लिए कुछ खास टिप्स

  • दिल्ली मेट्रो हेल्पलाइन नंबर: अगर आपसे कोई व्यक्ति मेट्रो में गलत हरकत करता है या आपको परेशान करता है तो आप दिल्ली मेट्रो की हेल्पलाइन पर निःसंकोच कॉल करें. नंबर है 011 -155370
  • दिल्ली पुलिस हेल्पलाइन नंबर: दिल्ली पुलिस ने आपात स्थिति में महिलाओं की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. कोई भी महिला अपने मोबाइल से 1091 डॉयल करके तुरंत पुलिस सहायता प्राप्त कर सकती है.
  • अन्य हेल्पलाइन नंबर: 011-24121234 पर भी फोन करके छेड़खानी, पीछा करने या फिर महिलाओं के खिलाफ किसी भी अन्य तरह के अपराध की जानकारी दी जा सकती है.

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Post Your Comment on: दिल्ली मेट्रो या अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों में महिलाओं से होने वाली छेड़खानी पर कैसे अंकुश लगाया जा सकता है?


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