विवाह व्यक्ति के जीवन का सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण पड़ाव समझा जाता है. इसकी उपयोगिता को समझते हुए ही परिवार वाले संबंधित महिला और पुरुष के विषय में पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही विवाह से संबंधित कोई भी निर्णय लेते हैं. विवाह में ज्योतिष विद्या का उपयोग होना भी कोई नई बात नहीं है. सबसे पहले विवाह योग्य युवक और युवती की कुंडली मिलाई जाती है उसके बाद ही आगे कोई कदम उठाया जाता है. विवाह के लिए स्थान और दिन निर्धारित करने के लिए भी ज्योतिष का ही सहारा लिया जाता है.
ज्योतिष की महत्ता इस बात से आंकी जा सकती है कि अगर किसी कारण युवक और युवती की कुंडली नहीं मिलती या विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं निकलता तो विवाह को टाल या फिर रद्द ही कर दिया जाता है. फिर चाहे लड़का और लड़की कितने ही सुयोग्य क्यों ना हों उनकी विवाहित जोड़ी को मान्यता मिलना बहुत कठिन हो जाता है.
यही कारण है कि जहां परिवार के बड़े-बुजुर्ग आज भी मान्यता अनुसार विवाह से पूर्व ज्योतिष की शरण में जाना सही समझते हैं वहीं युवा इस घिसी-पिटी मान्यताओं से खुद को स्वतंत्र रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. परिणामस्वरूप आज युवा अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं, जिसमें कुंडली मिलान या शुभ मुहूर्त जैसी चीजें कुछ खास मायने नहीं रखतीं. लेकिन क्या वास्तव में हमारे युवा इतने उदार और खुले विचारों वाले हो गए हैं कि उनके लिए ज्योतिष परंपरा को ना मानना आधुनिकता की कसौटी है या मात्र अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए ही वे प्रयोगवादी और व्यवाहारिक होने का ढोंग करते हैं लेकिन हकीकत में वे पहले जैसे ही आस्तिकतावादी हैं व अपने लाभ के लिए ज्योतिष का सहारा लेने से नहीं हिचकिचाते?
ज्योतिष का अर्थ सिर्फ परंपरागत तौर पर कुंडली मिलाना, हस्त रेखा के अनुसार भविष्य बताना आदि ही नहीं है. ज्योतिष शास्त्र की अनेक और भिन्न-भिन्न शाखाएं हैं. इन्हीं में से एक है न्यूमरोलॉजी या अंकशास्त्र. न्यूमरोलॉजी के अंतर्गत अंकों या संख्या के आधार पर व्यक्ति के सफल और उज्जवल भविष्य का पता लगाया जाता है. यह विद्या परंपरागत विद्याओं से थोड़ी अलग है. इसमें कुंडली नहीं आपका नाम और संबंधित तिथियां महत्व रखती हैं.
आपने प्राय: लोगों को अपना नाम बदलते हुए देखा होगा, नाम में आने वाले अक्षर की संख्या को घटाते या बढ़ाते हुए देखा होगा. यह सब न्यूमरोलॉजी की प्रमुखता का ही प्रभाव है. न्यूमरोलॉजी का उपयोग फिल्म अभिनेता और बड़ी हस्तियां सबसे अधिक करती हैं जिनकी देखा-देखी हम जैसे आम कहे जाने वाले व्यक्ति भी धीरे-धीरे इसकी चपेट में आ जाते हैं. उल्लेखनीय है कि हमारे तथाकथित स्वच्छंद और ब्रॉड माइंडेड युवा ऐसे क्षेत्र में सबसे ज्यादा रुचि ले रहे हैं. अब न्यूमरोलॉजी भी तो ज्योतिष का ही एक अंग है. युवाओं के बीच इसकी लोकप्रियता बस यही कहती है कि पुरानी चीजों को रोचक बना कर उनके सामने रख दो तो वह उन्हें अपनाने में जरा सी भी देर नहीं करना चाहेंगे.
अधिकांश युवा अपने नाम के साथ छेड़छाड़ करते हैं. कभी एक अक्षर ज्यादा लगा लेते हैं तो कभी अक्षरों को कम करने में ही अपनी भलाई समझते हैं. उन्हें लगता है कि अंकशास्त्र का उपयोग करने में अगर उनका भविष्य उज्जवल बन सकता है तो इसमें बुराई क्या है. यदि उनके किसी प्रिय अभिनेता या किसी व्यवसायी ने नाम के साथ परिवर्तन करने के बाद ही सफलता पाई हो तो यह न्यूमरोलॉजी के प्रति झुकाव को एक मजबूत आधार भी दे देती है. न्यूमरोलॉजी सिर्फ नाम के साथ नहीं जीवन की महत्वपूर्ण तिथियों को निर्धारित करने में भी अपनी भूमिका निभा रही है.
कुछ ही दिनों में 11.11.11 (11 नवंबर, 2011) जैसी अनोखी तारीख आने वाली है. देखने में यह संख्या जितनी रोचक और आकर्षक लग रही है, उतना ही युवाओं को भटकाने वाली भी है. इस संख्या का प्रभाव इतना है कि जिन युवाओं का विवाह निर्धारित हो चुका है वह इसी दिन विवाह करना चाह रहे हैं. इस तिथि के प्रति लोग इतने उत्सुक हैं कि पंडितों या शुभ मुहूर्त का भी ख्याल नहीं कर रहे हैं. इतना ही नहीं वे महिलाएं जो कुछ ही दिनों में संतान को जन्म देने वाली हैं वह भी इस दिन ऑपरेशन करवा कर अपने बच्चे को दुनियां में लाने की पूरी योजना बना रही हैं.
अगर 11.11.11 के प्रति आकर्षण का कारण सिर्फ रोचकता होता तो फिर भी इसे हम उत्सुक युवाओं की सोच कह सकते थे. लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि युवाओं के मस्तिष्क में यह सोच भी स्वत: ही अवतरित नहीं हुई बल्कि इस मानसिकता पर भी न्यूमरोलॉजी का पूरा प्रभाव है. इस रोचकता को भी ज्योतिषीय कोण के आधार पर देखा जाए तो समझ में आ जाएगा कि हमारे युवा कितने फ्री माइंडेड और अंध-विश्वास के दूर रहने वाले हैं !!
न्यूमरोलॉजी के ज्ञाताओं का कहना है कि 11.11.11 की तिकड़ी व्यक्ति के जीवन में ठहराव और सामंजस्य ला सकती है. हिंदू नक्षत्रों के आधार पर न्यूमरोलॉजी को अध्यात्म से जोड़कर भी देखा जा रहा है. अंकशास्त्रियों के अनुसार यह दिन आपके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकता है. वे जोड़े जो इस दिन विवाह बंधन में बंधेंगे या जो जन्म लेंगे उन्हें दैवीय आशिर्वाद प्राप्त होगा और वे एक खुशहाल जीवन जी पाएंगे.
इन्हीं कथनों से प्रभावित होकर ही युवा 11 नवंबर, 2011 को विवाह करने या फिर संतान को दुनियां में लाने के लिए बहुत जागरुक और उत्सुक हो गए हैं. कई महीनों पहले ही लोगों ने विवाह के लिए स्थान सहित सभी जरूरी प्रबंध कर लिए हैं. वहीं महिलाओं ने इसी दिन अपने बच्चे को जन्म देने के लिए डॉक्टरों से समय ले लिया है. लेकिन क्या किसी विशेष तारीख पर विवाह करने या जन्म लेने वाले व्यक्तियों के सफल और खुशहाल जीवन की गारंटी ली जा सकती है?
दुर्भाग्यवश, खुशियां तारीख नहीं संयोग, परिस्थिति और व्यक्तिगत प्रयत्नों पर निर्भर होती हैं. क्योंकि अगर तारीखें ही व्यक्ति को एक सफल जीवन दे सकतीं तो शायद ही इस दुनियां में किसी ने असफलता और दुख-दर्द जैसे शब्द सुने होते. अन्य व्यवसायों की तरह ज्योतिष विद्या भी एक व्यवसाय ही बन चुकी है. व्यवसाय चलाने और उसे लोकप्रिय बनाने के लिए उसका प्रचार करना बहुत जरूरी होता है फिर चाहे वह प्रचार नकारात्मक ही क्यों ना हो. जागरुक व्यक्ति को स्वयं ही अपनी जरूरतों का निर्धारण करना होता है.
ज्योतिष विद्या की चाहे कोई भी शाखा हो लेकिन उसका अध्ययन और अनुसरण अगर सावधानी से किया जाए तो ही यह मनुष्य जीवन के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है. लेकिन अगर इसे बिना सोचे समझे व्यवहार में लाया जाए तो सबसे पहले यह आपकी संकुचित और निरर्थक मानसिकता का परिचय देती है. विशेषकर युवा जिनके हाथों में देश के भविष्य की बागडोर है, जो स्वयं को परंपराओं और मान्यताओं की बेड़ियों से दूर रखने जैसे दावे करते हैं, वे ही अगर ऐसे भेड़चाल और अंधविश्वास की चपेट में आ जाएंगे तो ऐसा कर वह स्वयं अपने विकास के रास्ते में ही बाधा उत्पन्न कर लेंगे. ऐसे में देश के भविष्य की बात करना तो बेमानी ही लगेगा.
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