Menu
blogid : 316 postid : 510

वह 24 नवम्बर की काली रात

आसमान में चाँद की अगवानी थी लेकिन फिर भी वह काली रात थी. भारत का दिल दिल्ली सो रही थी लेकिन फिर भी वह वह काली रात थी.

casesभारत की राजधानी दिल्ली, गलत नहीं होगा इसे हिंदुस्तान का दिल कहना लेकिन फिर भी कभी यह दिल हँसता है तो कभी रोता है. हँसता है हमारे कारणों से, रोता है हमारे कार्यों से. कहा जाता है कि रात के समय दिल्ली लड़कियों और महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रहती और इस बात की सार्थकता सिद्ध की उन चार लोगों ने जो थे मानवता के दुश्मन.



हम हमेशा से कहते आ रहे हैं कि विलासिता की तरफ़ दौड़ता मानव अपनी पहचान भूल गया है. वह भूल गया है कि स्त्री देवी होती है जिसकी पूजा की जाती है. स्त्री माँ होती है जो संसार में सबसे प्यारी होती है, वह बहन है जिसकी रक्षा का वचन हम लेते हैं, अर्धांगिनी रूप में उसके साथ हम जीवन भर साथ निभाने की कसमें खाते हैं. लेकिन फिर क्यों हम स्त्री समाज का तिरस्कार करते हैं.


Read: कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं बिगड़ रहा है


आज हमें दिल्ली पुलिस की दाद देनी चाहिए कि उन्होंने धौला कुआँ रेप केस की गुत्थी सुलझा ली है. धरदबोच लिया है उन चार समाज के दुश्मनों को जिन्होंने स्त्री समाज की अवहेलना की और दिल्ली का नाम बदनाम किया. यह वही दिल्ली पुलिस है जिसे हम ‘वर्दी वाला गुंडा’ कहते हैं. लेकिन दिल्ली पुलिस का तो यही कहना है कि ‘हम तो हमेशा से आपके साथ थे, बस फासले कुछ बढ़ गए थे.’ दिल्ली पुलिस का यह कहना भी सही है. दिल्ली वासियों की सुरक्षा सिर्फ उनका जिम्मा नहीं है, ये हमारी भी ज़िम्मेदारी है. अभी भी रात के समय हम क्यों दिल्ली परिवहन (डीटीसी) की बसों से सफ़र करते हैं. चंद पैसा और समय बचाने के लिए हम कैब में सफ़र करते हैं. उस कैब में जिसके बारे में आपको यह भी नहीं पता कि वह पंजीकृत है कि नहीं, क्या आपने कभी सोचा कि क्या आप कैब के ड्राइवर को जानते हैं? दूसरे बैठे सवारियों के बारे में आपको कुछ पता है? कहीं दूसरी सवारियां उसी ड्राइवर के साथ तो नहीं जो आपको लूटने के लिए बैठे हैं. ऐसी स्थिति में अगर आपके साथ कुछ होता है तो आप पूरा दोष दिल्ली पुलिस पर मढ़ देते हैं. अब आप ही बताएँ ऐसी स्थिति में दोष किसका है.


Read more:

पीती हूं गम भुलाने को !!!

केवल अहं की तुष्टि के लिए यह अमानवीयता क्यों?

खिलने से पहले ही क्यों मसल दी जाती है वो कली

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh