नकारात्मक छवियों का बाज़ार
कलर्स पर बिग बॉस का सीजन 4 शुरु हो चुका है. इस बार पिछले तीन संस्करण से ज्यादा रोमांच आने की उम्मीद है और हो भी क्यों न. इस बार 14 में से 9 प्रतियोगी ऐसे हैं जो किसी न किसी वजह से विवादों में रहे हैं और वह भी बड़े विवादों में और अन्य प्रतियोगियों का इतिहास भी विवादों की लपेट में रहा ही है. इस बार की थीम ही यही रखी गई थी कि कुख्यात और चर्चित हस्तियों की जिन्दगी को जनता के सामने लाना है.
अब अगर इन प्रतियोगियों पर एक नजर डालें तो यह हैं पाकिस्तान की वीना मलिक, मुंबई धमाकों के आरोपी कसाब के वकील अब्बास काजमी, शातिर चोर रहा बंटी उर्फ देवेंदर सिंह, चंबल की डकैत रही सीमा परिहार, एक्टर समीर सोनी, बिदाई सीरियल की कलाकार सारा खान, अमीषा पटेल के भाई अश्मित पटेल, समलैंगिक संबंधों की पैरोकार और टीवी एंकर पाकिस्तान की नवाज बेगम, भोजपुरी फिल्मों के हीरो मनोज तिवारी, आंचल कुमार, टीवी कलाकार श्वेता तिवारी, टीवी कलाकार साक्षी प्रधान, मॉडल ऋशांत गोस्वामी और फिल्म निर्देशक महेश भट्ट के बेटे राहुल भट्ट.
इस सब के साथ रोमांच को बढ़ाने के लिए इस बार कॉमन बेड और कॉमन बेडरूम हैं. यानी महिला और पुरुष प्रतियोगी साथ-साथ रहेंगे.
लेकिन जिस बात की सबसे ज्यादा चिंता है वह है इस कार्यक्रम से दिए जाने वाले संदेश की. इस प्रोगाम के अधिकतर प्रतियोगी विवादित हैं और अगर उन्हें सफलता मिली भी है तो वह बुरे काम से या उनका आचरण ऐसा नहीं है जिसे आदर्श बनाया जा सके.
वीना मलिक क्रिकेट के सबसे बड़े फिक्सिंग कांड के बाद पाकिस्तान के खिलाड़ी मोहम्मद आसिफ के बारे में सनसनीखेज खुलासा करने वाली पाकिस्तानी अभिनेत्री हैं. पाकिस्तान में उनकी छवि वैसी ही है जैसे भारत में राखी सावंत की और वह अपने अंग प्रदर्शन के लिए हमेशा सुर्खियों में रही हैं.
इसी तरह पाकिस्तान के ही नवाज बेगम मर्द होते हुए हमेशा औरतों के लिबास में रहते हैं और वह समलैंगिक संबंधों की खुल कर वकालत करते हैं.
मुंबई धमाकों के मास्टरमाइंड अजमल कसाब का केस लड़ने वाले वकील अब्बास काजमी भी यहां अपनी अंग्रेजी झाड़ते नजर आएंगे. यह एक ऐसे इंसान को बचाने के लिए केस लड़ रहे थे जिसने मुबंई को तीन दिन तक सहमा कर रखा.
तो वहीं मनोज तिवारी और अभिनेत्री श्वेता तिवारी अपने प्रेम प्रसंग के कारण हमेशा चर्चा का विषय रहीं. श्वेता तिवारी तो सीजन 3 में अपने कम कपडों में नहाने के लिए भी चर्चा में रही थीं. महेश भट्ट के बेटे और डेविड हेडली से संबंधों के बाद सुर्खियों में आए राहुल भट्ट भी बिग बॉस के घर में रहेंगे.
और चंबल की डकैत सीमा परिहार और बंटी के बारे में तो सभी जानते हैं जिन्होंने जुर्म की दुनियां में रहते हुए भी कैसे आम जिंदगी को अपनाया.
इस प्रोगाम का मकसद है लोग इन लोगों के बारे में जानें जो जुर्म और बुरे कारणों से चर्चा में रहे. प्रोगाम को चलाने वालों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि इससे समाज में क्या संदेश पहुंचेगा. कहते हैं हम जो सुनते हैं उससे अधिक प्रभाव उस चीज का पड़ता है जिसे हम देखते हैं. यह लोग भले ही बहुत धनवान हों या अधिक चर्चित हस्तियां रहे हों लेकिन एक आदर्श के रुप में इनको दिखाना आज के युवाओं को सही राह से भटकाना होगा.
आज के समय में एक भी ऐसा प्रोगाम नहीं है जो गांधी जी, नेहरु जी या भगत सिंह की जिन्दगी को जनता के सामने लाने का प्रयास करे. अगर शिक्षा या संदेश देना है तो किसी महापुरुष की जिंदगी के पन्नों को खोलें, उनकी जिन्दगी में रोमांच भी होगा, सस्पेंस भी होगा और मनोरजंन के साथ संदेश की सीमा ही न रहेगी. पहले हर रात टीवी पर कुछ न कुछ ऐसा आता था जो ज्ञानवर्धक होता था. आज ऐसे प्रोगाम सिर्फ कार्टून नेटवर्क या दूरदर्शन के पास रह गए हैं.
अब तो महाभारत और रामायण को भी टीआरपी के लिए अधिक उत्तेजक बनाने का दौर चल पड़ा है. ज्ञानवर्धक और सांस्कृतिक प्रोगाम न दिखाने के पीछे तर्क दिया जाता है कि जनता उसे देखती नहीं है बल्कि सच तो यह है कि जब ऐसे प्रोगाम होंगे ही नहीं तो जनता देखेगी क्या.
महाभारत और रामायण की लोकप्रियता किसी भी बिग बॉस और अन्य शो से हमेशा ज्यादा रही, वजह इसे युवाओं के साथ बड़े भी देख सकते थे और इनसे कुछ संदेश मिलता था.
होना तो यह चाहिए कि भले ही बिग बॉस या अन्य शो टीवी पर मनोरंजन दें लेकिन वह समाज विरोधी या फुहड़ता भरा न हो. फूहड़ता के बिना भी इस शो को हिट करवाया जा सकता है. साथ ही अब भी समाज में कुछ ऐसे चेहरे हैं जो इस शो में लाए जा सकते थे. दर्शको से हमारा निवेदन है कि ऐसे शो सिर्फ मनोरंजन के लिए ही देखें और बच्चों को तो जितना हो सके इन शोज से दूर ही रखें.
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